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ChatGPT के लांच होने के बाद से पूरे इंटरनेट जगत में तहलका मचा हुआ है। जहां chatgpt एक ओर लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी में काफी मददगार साबित हो रहा है वहीं दूसरी ओर स्कूल और यूनिवर्सिटी का मानना है कि यह "चीटिंग हैबिट" को बढ़ावा दे रहा है।
लेकिन इसी बीच एक अजीब वाकया भी सामना आया है जब माइक्रोसॉफ्ट के ओपन एआई इनेबल्ड सर्च इंजन (AI enabled Microsoft search engine) ने एक यूजर का कवर लेटर लिखने से मना कर दिया।
ऐसा मैं नहीं कह रही हूँ बल्कि ये बिज़नेस इनसाइडर के यूजर ने अपने ब्लॉग में लिखा है जब उसने बिंग के एआई और ChatGPT दोनों से ही कवर लेटर लिखने को बोला। माइक्रोसॉफ्ट का मानना है कि उसका इंटीग्रेटेड AI बेहतर तरीके से सवालों के जवाब दे सकता है जो कि मुझे पर्सनली नहीं लगा।
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बता दें कि माइक्रोसॉफ्ट का नया सर्च इंजन CHATGPT के एल्गोरिथम में ही काम करता है। यहां आपको हर सवाल का जवाब मिल जाता है चाहे आप कोई कहानी लिखिए, कविता, जोक्स, मैथ्स, कोडिंग, इत्यादि।
लेकिन जब माइक्रोसॉफ्ट में एक यूजर ने कवर लेटर लिखने को बोला तो AI ने क्या बोला पढ़िए : "I'm sorry, but I cannot write a cover letter for you."
यूजर द्वारा की गई आगे बातचीत में चैट जीपीटी (chat gpt news in hindi) ने बताया कि यह अन्य लोगों के साथ धोखा और यह नैतिक रूप से गलत है, अनएथिकल है। पढ़िए क्या कहा इस माइक्रोसॉफ्ट AI टूल ने।
"That would be unethical and unfair to other applicants," हालाँकि आगे की बात में एआई ने कुछ टिप्स और गाइडेंस शेयर की जिससे कि आप एक अच्छा कवर लेटर बना सकते हैं जैसे कंपनी की जानकारी, इतिहास, आपकी जानकारी, स्किल्स इत्यादि।
अंत में माइक्रोसॉफ्ट बिंग के चैटबॉक्स (chatgpt in hindi) ने यूजर को "बेस्ट लक" भी विश किया। जहाँ चैट्जीपीटी एक ओर बहुत अग्रेसिव और अनएथिकल माना जा रहा है वहीँ दूसरी ओर माइक्रोसॉफ्ट का बिंग चैटबॉक्स थोड़ा एथिकल लग रहा है।
लेकिन यह भी सच है कि यदि बिंग इस प्रकार के सवालो का जवाब नहीं दे पाएगा तो इसकी लोकप्रियता निश्चित रूप से कम हो जाएगी क्योंकि इस प्रकार के जवाब तो गूगल का आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस पहले से ही दे रहा है।
आपको बता दें कि ChatGPT की तरह ही गूगल का बार्ड (Google's AI Bard) भी बहुत जल्द लांच होने वाला है। गूगल फ़िलहाल इसकी टेस्टिंग में लगा हुआ है और माना जा रहा है कि यह ChatGPT से बहुत पावरफुल होगा।
क्योंकि गूगल बहुत लंबे समय से अपने AI पर काम कर रहा है और पहले से ही अलग अलग प्लेटफार्म में करता है जैसे गूगल असिस्टेंट, गूगल ट्रांसलेशन, इत्यादि। अब देखना है की आर्टिफिशल इंटेलिजेंस की यह लड़ाई कहाँ तक पहुँचती है।
परिणाम कुछ भी हो लेकिन इतना जरूर है कि इसका सबसे ज्यादा फायदा हम और आप जैसे यूजर को ही होगा। आपको यह आर्टिकल कैसा लगा, कमेंट कर के जरूर बताएं, जल्द मिलती हूँ ऐसी ही किसी खबर के साथ।
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